भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग एमपीटीईटी- मध्य प्रदेश शिक्षक प्रतीक परीक्षा के अभ्यर्थियों से अवैध वसूली कर रहा है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से अवैध रूप से 100 रुपये और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों से 50 रुपये वसूले जा रहे हैं। इस प्रकार की अवैध वसूली को शिक्षा राज्य मंत्री ने स्वीकार किया है और कहा है कि अभ्यर्थियों को पैसा वापस किया जाएगा।
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड भी अवैध उगाही में शामिल है
शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्तमान में मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा मध्य प्रदेश में आयोजित की जा रही है। यह स्कूल शिक्षा विभाग या जनजातीय मामलों के विभाग द्वारा प्रबंधित स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के लिए है। यह गारंटी नहीं है कि इस परीक्षा को पास करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को नौकरी की पेशकश की जाएगी। आवेदन शुल्क का भुगतान सामान्य उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये और आरक्षित उम्मीदवारों के लिए 50 रुपये के अलावा किया जा रहा है। कर्मचारी चयन बोर्ड एक एजेंट के रूप में कार्य करता है, जो उम्मीदवारों से पैसा एकत्र करता है और इसे स्कूल शिक्षा विभाग को देता है। ऐसे होती थी अवैध वसूली
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री श्री इंदर सिंह परमार के बयान पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि नियुक्ति के बाद की शिक्षा के लिए पात्रता परीक्षा के लिए शुल्क लेना अनुचित था। उन्होंने कहा कि यह राशि प्रत्याशी के खाते में वापस आ जाएगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए लगभग 1000000 आवेदकों ने आवेदन जमा किया था। औसत 75 रुपए है तो 7.50 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई है। इसमें बेरोजगार भी शामिल हैं।
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