छह साल से कम उम्र के बच्चे को किसी भी भारतीय राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में कक्षा I में प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। यह प्रावधान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 में निहित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विजन को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ग्रेड-1 में प्रवेश की आयु 6+ वर्ष बनाए रखने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
बच्चों की शिक्षा को आधारभूत स्तर पर मजबूत करने का आह्वान करती है। आधारभूत चरण 3 से 8 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को सीखने के पांच साल के अवसर प्रदान करता है। इसमें 3 साल की पूर्वस्कूली शिक्षा, 2 साल की प्राथमिक ग्रेड- I और II, और 3 साल की किंडरगार्टन शिक्षा शामिल है। यह नीति प्री-स्कूल से ग्रेड-II तक के बच्चों के लिए निरंतर सीखने और विकास को प्रोत्साहित करती है।
यह केवल सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित आंगनबाड़ियों या प्री-स्कूल केंद्रों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके किया जा सकता है। बच्चों के लिए उनके मूलभूत स्तर पर पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में उपयुक्त शिक्षा के साथ योग्य शिक्षकों की उपलब्धता भी महत्वपूर्ण है। 20.10.2022 को फाउंडेशनल स्टेज (NCFFS) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा भी लॉन्च की गई थी।
इस दृष्टि को शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, डी.ओ. दिनांक 09.02.2023।
पत्र संख्या 22-7/2021-ईई.19/आईएस.13 के माध्यम से सभी राज्य सरकारों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को प्रवेश हेतु आयु को समान रूप से 6+ वर्ष तथा आयु वर्ग में 6+ वर्ष करने की नीति से अवगत कराया गया है। ग्रेड-I प्रवेश के लिए निर्देशों की पुनरावृत्ति की गई है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी सलाह दी गई कि वे अपने-अपने राज्यों में प्री-स्कूल शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम स्थापित करने और चलाने की प्रक्रिया शुरू करें। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग पाठ्यक्रम को डिजाइन करेगी और इसे एससीईआरटी के पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन में जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाया/कार्यान्वित किया जाएगा।