एक आवाज़ की शक्ति: कैसे एक 17 वर्षीय लड़की ने अपनी खुद की जबरन शादी रोक दी!

पानीपत। जिले के इसराना अनुमंडल में शादी के 27 दिन पहले दुल्हन को उसके बाल विवाह निषेध अधिकारी ने शादी की सूचना दी. कुछ ही मिनटों में टीम ने शादी को खत्म कर दिया। साथ ही कोर्ट में शिकायत भी की। कोर्ट ने सख्त हिदायत भी दी कि लड़की के बालिग होने तक उसकी शादी नहीं की जाए। लड़की के माता-पिता को समझाइश देने के बाद उन्होंने लड़की को जान से मारने की धमकी भी दी है. शादी की योजना इस वजह से बनाई गई थी कि किशोरी की 16 साल की छोटी बहन की शादी होनी थी। परिवार शुरू में बड़ों के हाथों को सफेद रंग में रंगना चाहता था। यही कारण है कि जब वह छोटी थी तब लड़की के माता-पिता ने उस पर शादी करने का दबाव डाला। फिलहाल बच्ची के बड़े का 12वीं का इम्तिहान चल रहा है.

घटना के बाद जब पुलिस चली गई तो उसके माता-पिता ने उसे भी पीटा।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि करीब बीस दिन पहले पानीपत के इसराना अनुमंडल के एक इलाके में रहने वाली एक लड़की से पूछताछ की गयी. उसने बताया कि उसकी उम्र 17 साल है और वह 12वीं क्लास में है। उसके माता-पिता उसे शादी करने की धमकी दे रहे हैं। जब उन्हें खबर मिली तो इसराना थाना पुलिस को मौके पर भेजकर शादी को तुड़वाया गया। पुलिस के जाने के बाद माता-पिता ने युवक की पिटाई भी की। अगले दिन छात्रा स्कूल जाने का झांसा देकर घर से निकल गई। वह महिला थाने गई। उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिकारी से औपचारिक शिकायत की। शिकायत की जांच के क्रम में टीम ने परिजनों को 20 फरवरी को अधिकारी से मिलने के लिए बुलाया। लड़की की मां वहां थी और उसे बताया गया कि उसने 14 फरवरी को लड़की का रिश्ता फिर से तय किया था। अब वह उससे तब तक शादी नहीं करेगा जब तक वह कम से कम 18 साल की नहीं हो जाती।

लड़की को बाल कल्याण समिति में स्थानांतरित कर दिया गया, और आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया।

हालाँकि, घर वापस आने के बाद, माँ ने अपनी बेटी की तैयारी शुरू कर दी। उसने 29 मार्च को अपनी शादी की तारीख तय की। उसने यह भी कहा कि अब वह शादी करने के लिए उसे चर्च से उसके मामा के घर ले जाएगा। इसकी जानकारी युवती को दी गई। इसकी जानकारी जब एक अधिकारी को दी गई तो लड़की के साथ-साथ लड़के के परिवार के सभी सदस्यों को कार्यालयों में बुलाया गया। साथ ही मामले को लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अदालत ने दोनों पक्षों को आदेश देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करना कानूनन अपराध है, यानी वे दुल्हन से शादी नहीं कर सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि 18 साल की उम्र के बाद लड़की की मर्जी से ही शादी की जा सकती है। इसके बाद दोनों पक्षों ने अदालत कक्ष में और अधिकारी के सामने एक अलिखित बयान दिया कि वे उस लड़की से तब तक शादी नहीं करेंगे जब तक कि वह बालिग नहीं हो जाती। इसके अलावा लड़की ने अपनी घोषणाओं में यह भी कहा कि वह शादी करेगी, यहां तक कि उसके परिवार के सदस्यों ने भी एक बयान लिखा है कि वे शादी नहीं करेंगे। हालांकि, वे अभी भी उससे शादी करने की योजना बना रहे हैं। इस कारण बालिका को बाल कल्याण समिति में रखकर आश्रय गृह भेज दिया गया।

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