आधुनिक युग पूरी दुनिया में पहुंच गया है। ऐसा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रहा है। हमारा देश पारंपरिक परंपराओं को तोड़ रहा है और सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। लड़कियां भी अब इस देश की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। भारत सरकार ने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने और उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए नई योजनाएं शुरू की हैं।
लड़कियों के लिए योजनाएं: सरकार लड़कियों को उनके बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी पसंद की शादी तक उच्च शिक्षा दिलाने में मदद करने के लिए योजनाएं चलाती है।
लड़कियों के लिए योजनाएं सरकार लड़कियों की पढ़ाई से लेकर उनकी शादी तक की योजनाएं चलाती है।
केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकारें कभी-कभी लड़कियों के लिए योजनाएं लागू करती हैं। इन योजनाओं में लड़कियों के लिए बचत कार्यक्रम, उनकी शिक्षा का समर्थन करने वाली योजनाएँ, और उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली बेटियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजनाएँ शामिल हो सकती हैं। आज हम देश भर में सरकार द्वारा संचालित लड़कियों की शिक्षा से लेकर शादी तक की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देंगे। इस लेख में अधिक विवरण हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना
भारत की केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। यह योजना भारत सरकार के प्रसिद्ध बेटी बचाओ और बेटी पढाओ मिशन का हिस्सा है। 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के खाते उनके नजदीकी बैंक शाखा या डाकघर में खोले जाते हैं। यह योजना लड़कियों की शिक्षा, दीक्षा और विवाह के लिए पैसे बचाती है। यह सुकन्या संघी योजना का संक्षिप्त विवरण है।
स्कीमा सुविधाएँ
- 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के अभिभावक या कानूनी अभिभावक सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों या डाकघरों में उनके नाम से यह खाता खुलवाते हैं।
- यह खाता आप किसी भी डाकघर या सरकारी बैंक में खुलवा सकते हैं।
- यह खाता माता-पिता के लिए खुला है। सरकार ने बचत की राशि की एक सीमा भी निर्धारित की है जिसे बनाया जा सकता है।
- सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोलने के लिए न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना भी निर्धारित किया गया है।
- इस योजना के लिए आवश्यक है कि बचत राशि कम से कम 15 वर्षों के लिए रखी जाए।
- सरकार इस योजना के तहत जमा राशि पर आकर्षक ब्याज देती है।
- सरकार वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा राशि पर 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज देती है।
- सरकार ने इस योजना के तहत जमा राशि के लिए कर छूट प्रदान की है।
इस योजना के बचत खाते की वैधता अवधि 21 वर्ष है। बालिका के 18 वर्ष की होने पर खाता बालिका को हस्तांतरित कर दिया जाता है। जब बालिका 21 वर्ष की हो जाएगी तो खाते में राशि उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
बालिका 18 वर्ष की आयु के बाद और 21 वर्ष से पहले, यदि वह चाहे तो बचत खाते से 50 प्रतिशत निकाल सकती है। यह राशि केवल उच्च शिक्षा या लड़की की शादी के लिए ही निकाली जा सकती है।
लड़कियों के लिए योजनाएँ: लड़कियों की शिक्षा और विवाह के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाएँ – लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा के कार्यक्रम
लड़कियों के लिए योजनाएं – लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्यक्रम
सुकन्या समृद्धि योजना में 10 से 11 साल की उम्र की लड़कियां ही खाता खुलवा सकती हैं। यह भी अनिवार्य है कि भारतीय नागरिक बालिका और उसके कानूनी अभिभावक भारतीय नागरिक हों। खाता खुलवाने के बाद विदेशी नागरिकता लेने वाली बालिका इस कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होगी।
प्रति बालिका एक सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। अधिकतम दो बालिकाएं योजना का लाभ लेने की पात्र होंगी। परिवार में तीन होने पर केवल दो बेटियां ही पात्र हो सकती हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
सुकन्या समृद्धि बैंक खाता खोलने के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
एक लड़की के लिए आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र
बालिका के माता-पिता/कानूनी अभिभावक की पहचान और निवास के दस्तावेज। आधार कार्ड और पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और बिजली बिल आदि।
खाता खोलने के बाद, आप इसे भारत में किसी भी बैंक या डाकघर की शाखा में स्थानांतरित कर सकते हैं।
- सरकार द्वारा अधिकृत सुकन्या समृद्धि योजना बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक पंजाब नेशनल बैंक
- एक्सिस बैंक केनरा बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- बैंक ऑफ इंडिया सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- आईसीआईसीआई बैंक इंडियन बैंक
- आईडीबीआई बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक
- सिंडिकेट बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- यूको बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
बालिका समृद्धि योजना
केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की बेटियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत बालिका के जन्म के समय अभिभावक को 500 रुपये मिलते हैं। सरकार हर साल इस योजना के तहत लड़कियों को तब तक छात्रवृत्ति प्रदान करती है जब तक कि बालिका 18 वर्ष की नहीं हो जाती। इस छात्रवृत्ति की राशि बालिकाओं के शिक्षा स्तर के साथ बढ़ती है। यह राशि शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर बालिकाओं को छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की जाती है।